Nature Shayari : धरती एक मात्र ऐसा ग्रह है। जिस पर जीवन की धारा बह रही है। यह जीवन रूपी धारा ही प्रकृति है। प्रकृति ही जीवन के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति करती है। प्रकृति जल, अग्नि, वायु, आकाश आदि समस्त तत्वों से मिलकर इसका निर्माण होता है। मनुष्य इसका मात्र एक छोटा सा अंश है। अगर हम अपने आस पास की प्रकृति को देखने की कोशिश करे तो हमे चारो तरफ से घेरे हुए कई विशालकाय पर्वत है। तो कही कल कल बहती नदियाँ तो कही घने जंगल हे।
तो प्यारे साथियों आज की ब्लॉक पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आए है। नेचर पर कुछ मजेदार शायरियां इन्हें पढ़िए। इसमें हम आपके साथ Nature shayari two line, Nature status in hindi, Nature shayari image साझा कर रहे है। हम उम्मीद करते हैं कि प्रकृति के बारे में लिखी गयी यह शायरी आपको लुभाने में मदद करेगी।
Nature shayari
इच्छाओ को बगल में रखकर
कोई मधुर गीत गुनगुना लो
ये नेचर की खूबसूरती को
अपनी आंखों में बसा लो.!!
खो रहे है लफ्ज़ इस
कदर कोहरा घना है
नेचर से जुड़े रहना जिंदगी
का खूबसूरत गहना है..!
भगवान ने इंसान को बनाया है
तो नेचर ने इंसानियत के
साथ जीना सिखाया है..!
इन रास्तो से गुजरने
का मजा ही कुछ और है
क्योकि यहां लोग
नही प्रकृति बोलती है..!
मृदुल स्वभाव मन चंचल
सा हरियाली जग में छाए
प्रकृति प्रेम है दिखलाती
जब भाव लीन सब हो जाए..!
प्राकृतिक सौंदर्य पावन
मनभावन और निर्मल है
मुन्नार के दृश्य में अपनी
शुद्ध खो जाता मन है..!
जबसे कायनात को अपना
प्रेम समर्पित किया है
तब से मेरे प्रति ये बड़ा
वफादार हो गया है..!
Nature shayari in hindi
देखो जनाब प्रकृति का
यह सुंदर सा नजारा है
इन्ही में सपने और इन्हीं
में अपनो का नजारा है..!
मत खेलो प्रकृति से
अंजाम इसका बुरा होगा
अभी तो हुए है वीरान फिर
हर घर शमशान होगा..!
झुका लूं कदम वादियो में
मशक्कत कहां आंधियों में
हवा भी रुख मोड़ ले अक्सर
इस जहान की कश्तियो में..!
यह धरती है ईश्वर की
सबका इसमें है किस्सा
मानव नियत अपनी साजिश
से छीन रहा सबका हिस्सा..!
ख्वाहिशो सा हूं कहां
अब कौन मेरे साथ है
जिंदगी ज़िद से मिली है
खुद को ना एहसास है..!
जीवन देकर तुम हमे अपनी
अहमियत समझाते हो
सारा प्रदूषण गला कर
वायु को स्वच्छ बनाते हो..!
Nature shayari two line
वो बाहे फैलाए खड़ी है
प्रकृति को निहारने के लिए
और सूर्य की उन हसीन
किरणो को गले लगाने के लिए..!
हर तरफ धुआं धुआं सा
धूलित हर मंजर है
रुख बदले है मौसम में
भी कुछ ठंडक था पहर है..!
वक्त के साए में कभी ऐसा होता बसंत के
महीने में एक सूखे वृक्ष का तना ढका होता है..!
इस लोक डाउन ने इंसानियत
को एहसास कराया है
नेचर से छेड़छाड़ का नतीजा
मनुष्य के लिए बुरा बताया है..!
विज्ञान नेचर और संगीत का अलग ही नशा है
अपने आप में ये रब के अनमोल उपहार है..!
बारिश की बूंदे चुपके से कह रही
कितना भी ऊंचा उठ जाओ
माना तुझे जमीन पर ही है..!
Best nature shayari in hindi
मुझ में खुद का आंसू देख हैरान क्यो हो तुम
ही तो कहते थे मुझे मेरा नेचर बहुत पसंद है..!
सब खामोश है कलम रुकी है जैसे
दुनिया कुदरत के आगे झुकी सी है..!
प्रकृति बदलती नही वो बदला लेती है
जब इंसान समझता नही
तो उसको समझा देती है..!
हाथो में दिल बना रहे हो
कभी इस प्रकृति से दिल लगा के देखो
तुम्हारी जिंदगी खुशियो से भर जाएगी..!
ऑफिस की छुट्टियो में
शिमला मनाली जाते हो
खुद को नेचर लवर बतलाते हो
सेल्फी लेकर फन विद
नेचर का टेज लगाते हो..!
दीवार की उस सिली दरार में पीपल का
एक पौधा उपज आया वो मुझसे पूछता
मैं अपने घर आया या पता गलत ले आया..!
Romantic nature shayari in hindi
कुदरत पर कभी भी शक मत करना
अगर सजा भुगत रहे हो तो
जरूर कोई गलती हुई होगी..!
धरती के दिल में एक आस जगी है
प्यार की तभी बरसात हुई है
तपन से धरती को राहत मिली है
जब अंबर से बूंद मिट्टी में मिली है..!
आओ कुछ ऐसा काम करे
पहले बदले स्वयं को फिर समाज को
ताकि संजोए रखे हम अपने पर्यावरण को..!
चांद भी कितना बेबस सा लगता है
रंगीन पलों में भी चांदनी बरसाता है
इसीलिए तो इंसानियत के लिए
प्रकृति बड़ी खूबसूरत लगती है..!
लौटा हूं वापस अपने गांव
के गलियो में लोग वही है
लेकिन मंजर बदल गया है
यहां की हवाओ में..!
हम मनुष्यो को छोड़कर
और सजीव निर्जीव जानता है
इस नेचर का मूल्य चिड़िया
जानती है पेड़ का मूल्य..!
Shayari on nature
लेखक का प्रतिद्वंदी कोई और
नहीं यह नेचर होती है और वह
सदैव नेचर पर शायरियां लिखते हैं..!
खेल रहे थे इंसान नेचर के
साथ आज नेचर को इंसान
के साथ खेलते देखा है..!
आज चांद तक मानव पहुंचा
पर मानव मन नही खड़ा है
युद्ध बिना मानता नही है
क्यो जिद्दीपन भरा पड़ा है..!
कूट-कूट कर मन का खजाना है
फिर भी अपनी नियति के लिए
नेचर को डैमेज करना है..!
दिखता नही है कोई खोट
मस्त हवा का साया है
अपनी धुन में तू चलने वाला
इंसान ही तो विधाता है..!
असलियत देखनी है
तो ऊंचे पहाड़ो की
प्रकृति को पनाह देकर
खुद को पिघलता रहता है..!
Nature shayari photo
सब कुछ बदल गया
जिंदगी में धीरे धीरे
वक्त भी अपने भी
और यह नेचर भी..!
प्रकृति की हर चीज हमे
नियंता का बोध करवाती है
सूरज चांद सितारे
हमें जीना सिखाती है..!
ख्वाहिशों की खिड़की
पर सपनों के झरोखे से
उम्मीद की किरण चमकती है
प्रकृति की धरोहर से..!
हरे पीले पत्तों पर जमी धूल
को बारिश की बूंदे धो लेती है
नेचर की खूबसूरत वादियां
जिंदगी को खुशियों से भर देती है..!
शबनम की आज धरा
से मिलने की आस है
हरित हरित दूब पर लगती
बहुत ही खास है इसी से
प्रकृति की शुरुआत है..!
Final words on Nature shayari
आशा करता हूं कि आज की ब्लॉग पोस्ट nature shayari पढ़ने के लिए आप सभी दोस्तों का तहे दिल से धन्यवाद साथियों शायरियों को अपने दोस्तों और परिजनों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए। इसी तरह की यूनिक और मजेदार शायरियां पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट Shayarifarm com से जुड़िए। आप हमें फेसबुक, इंस्टाग्राम और पिंटरेस्ट पर भी फॉलो कर सकते है। तुम मिलते है दोस्तो जल्द ही एक और नही और शानदार पोस्ट के साथ तब तक के लिए आप सभी का धन्यवाद।